किवी, स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट्स की खेती से किसान करेंगे तगड़ी कमाई, सरकार दे रही ट्रेनिंग, जानिए डीटेल
Agri Business Idea: किसानों को आधुनिक खेती की तरफ मोड़ने और उनकी आय को कई गुना बढ़ाने की दिशा में अग्रसर करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
Agri Business Idea: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. एक तरफ परंपरागत खेती के लिए जहां किसानों को बेहतरीन बीज और उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसानों को आधुनिक खेती की तरफ आकर्षित करने की कवायद भी की जा रही है. इसी कड़ी में बिहार सरकार का पहला सेंटर ऑफर एक्सिलेंस फॉर फ्रूट्स केंद्र में किसानों को जैविक विधि से ड्रैगन फ्रूट्स (Dragon Fruits), किवी (Kiwi), चीकू और स्ट्रॉबेरी (Strawberry) की खेती करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.
किसानों को स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. किसानों को आधुनिक खेती की तरफ मोड़ने और उनकी आय को कई गुना बढ़ाने की दिशा में अग्रसर करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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ड्रैगन फ्रूट की खेती फायदेमंद
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बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) और स्ट्रॉबेरी की फसल ऐसी खेती से न सिर्फ किसान की उन्नति होगी बल्कि देश का विकास भी होगा. ट्रेनिंग में किसानों को बताया गया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए वार्षिक वर्षा 50 सेमी और तापमान 20 से 36 डिग्री सेल्सियस बेहतर मानी जाती है. पौधों के बढ़िया विकास और फल उत्पादन के लिए इन्हें अच्छी रोशनी व धूप वाले क्षेत्र में लगाया जाता है. इसकी खेती के लिए सूर्य की ज्यादा रोशनी की जरूरत नहीं होती.
मई और जून में फूल लगते है और जुलाई से दिसंबर तक फल लगते हैं. फूल आने के एक महीने बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. इस अवधि के दौरान इसकी 6 बार तुड़ाई की जा सकती है. प्रत्येक फल का वजन लगभग 300 से 800 ग्राम तक होता है. एक पौधे पर 50 से 120 फल लगते हैं.
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ड्रैगन फ्रूट्स के फायदे
ड्रैगन फ्रूट्स (Dragon Fruits) में अधिक मात्रा में विटामिन- सी, फ्लेवोनोइड और फाइबर पाए जाने के कारण यह घावों को जल्दी भरने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और हृदय संबंधित समस्याओं से बचाने के साथ-साथ भोजन को पचाने में भी सहायक होता है. यह आंखों की दृष्टि में सुधार करने के साथ त्वचा को चिकना और मॉयस्चराइज करता है. इसके नियमित सेवन से खांसी और आस्थमा से लड़ने में मदद मिलती है. इसमें विटामिन- B1, B2 और B3 पाए जाते हैं, जो ऊर्जा उत्पादन, भूख बढ़ाने, खराब कोलेस्ट्रॉल, पेट के कैंसर और मधुमेह के स्तर को कम करने के अलावा कोशिकाओं को ठीक कर शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं.
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05:25 PM IST